Hindi Barakhadi (हिन्दी बाराखंडी ):- आज हम आपको Hindi Barakhadi की विस्तार से जानकारी देने जा रहें हैं जो कि किसी भी छोटे बच्चो के लिए बहुत ही आवश्यक होता हैें। हमारी शुरूवात ही यही सी होती हैं। इस लिए Hindi Barakhadi को हमें बहुत ही अच्छे से जानना बहुत ही जरूरी हो जाता हैं। Hindi Barakhadi बच्चो के बोल चाल सीखने की पहली नींव होती हैं। इस लिए आप एक बार हमारे द्वारा दिये गये Hindi Barakhadi को पूरा जरूर पढ़िए। हम आपको Hindi Barakhadi का Chart और PDF भी देगें जिससे कि आपको पढ़ने और समझने में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
Hindi Barakhadi के बाद हमने यहां पर आपको Hindi Vyanjan और वर्णमाला की जानकारी भी दी हूई हैं । जो कि वह भी आपके लिए जानना उतना ही जरूरी हैं जितना कि Hindi Barakhadi तो आप एक बार Hindi Vyanjan , वर्णमाला को भी ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े। तो चलिए समझते हैं।

Hindi Barakhadi (हिन्दी बाराखंडी ) Hindi Vyanjan , वर्णमाला
Hindi Barakhadi (हिन्दी बाराखड़ी ) Chart
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ए | ऐ | ओ | औ | अं | अः |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
– | ा | ि | ी | ु | ू | े | ै | ो | ौ | ं | ः |
क | का | कि | की | कु | कू | के | कै | को | कौ | कं | कः |
ख | खा | खि | खी | खु | खू | खे | खै | खो | खौ | खं | खः |
ग | गा | गि | गी | गु | गू | गे | गै | गो | गौ | गं | गः |
घ | घा | घि | घी | घु | घू | घे | घै | घो | घौ | घं | घः |
च | चा | चि | ची | चु | चू | चे | चै | चो | चौ | चं | चः |
छ | छा | छि | छी | छु | छू | छे | छै | छो | छौ | छं | छः |
ज | जा | जि | जी | जु | जू | जे | जै | जो | जौ | जं | जः |
झ | झा | झि | झी | झु | झू | झे | झै | झो | झौ | झं | झः |
ट | टा | टि | टी | टु | टू | टे | टै | टो | टौ | टं | टः |
ठ | ठा | ठि | ठी | ठु | ठू | ठे | ठै | ठो | ठौ | ठं | ठः |
ड | डा | डि | डी | डु | डू | डे | डै | डो | डौ | डं | डः |
ढ | ढा | ढि | ढी | ढु | ढू | ढे | ढै | ढो | ढौ | ढं | ढः |
ण | णा | णि | णी | णु | णू | णे | णै | णो | णौ | णं | णः |
त | ता | ति | ती | तु | तू | ते | तै | तो | तौ | तं | तः |
थ | था | थि | थी | थु | थू | थे | थै | थो | थौ | थं | थः |
द | दा | दि | दी | दु | दू | दे | दै | दो | दौ | दं | दः |
ध | धा | धि | धी | धु | धू | धे | धै | धो | धौ | धं | धः |
न | ना | नि | नी | नु | नू | ने | नै | नो | नौ | नं | नः |
प | पा | पि | पी | पु | पू | पे | पै | पो | पौ | पं | पः |
फ | फा | फि | फी | फु | फू | फे | फै | फो | फौ | फं | फः |
ब | बा | बि | बी | बु | बू | बे | बै | बो | बौ | बं | बः |
भ | भा | भि | भी | भु | भू | भे | भै | भो | भौ | भं | भः |
म | मा | मि | मी | मु | मू | मे | मै | मो | मौ | मं | मः |
य | या | यि | यी | यु | यू | ये | यै | यो | यौ | यं | यः |
र | रा | रि | री | रु | रू | रे | रै | रो | रौ | रं | रः |
ल | ला | लि | ली | लु | लू | ले | लै | लो | लौ | लं | लः |
ळ | ळा | ळि | ळी | ळु | ळू | ळे | ळै | ळो | ळौ | ळं | ळः |
व | वा | वि | वी | वु | वू | वे | वै | वो | वौ | वं | वः |
श | शा | शि | शी | शु | शू | शे | शै | शो | शौ | शं | शः |
स | सा | सि | सी | सु | सू | से | सै | सो | सौ | सं | सः |
ष | षा | षि | षी | षु | षू | षे | षै | षो | षौ | षं | षः |
ह | हा | हि | ही | हु | हू | हे | है | हो | हौ | हं | हः |
क्ष | क्षा | क्षि | क्षी | क्षु | क्षू | क्षे | क्षै | क्षो | क्षौ | क्षं | क्षः |
त्र | त्रा | त्रि | त्री | त्रु | त्रू | त्रे | त्रै | त्रो | त्रौ | त्रं | त्रः |
ज्ञ | ज्ञा | ज्ञि | ज्ञी | ज्ञु | ज्ञू | ज्ञे | ज्ञै | ज्ञो | ज्ञौ | ज्ञं | ज्ञः |
श्र | श्रा | श्रि | श्री | श्रु | श्रू | श्रे | श्रै | श्रो | श्रौ | श्रं | श्रः |
Hindi Barakhadi (हिन्दी बाराखड़ी ) Chart PDF Download

Hindi Vyanjan
हिंदी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन!
स्वर: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, ऑ
अनुस्वार- अं, विसर्ग: अ:
व्यंजन:-
क, ख, ग, घ, ङ (क़, ख़, ग़)
च, छ, ज, झ, ञ (ज़)
ट, ठ, ड, ढ, ण, (ड़, ढ़)
त, थ, द, ध, न
प, फ, ब, भ, म (फ़)
य, र, ल, व
श, श़, ष, स, ह
संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
स्वर : जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस, कण्ठ, तालु आदि स्थानों से बिना रुके हुए निकलती है, उन्हें ‘स्वर’ कहा जाता है। व्यंजन : जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कण्ठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है, उन्हें ‘व्यंजन’ कहा जाता है।
प्राय: व्यंजनों का उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है। हिन्दी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन।
पंचमाक्षर अर्थात वर्णमाला में किसी वर्ग का पाँचवाँ व्यंजन। जैसे- ‘ङ’, ‘ञ’, ‘ण’, ‘न’, ‘म’ आदि। आधुनिक हिन्दी में पंचमाक्षरों का प्रयोग बहुत कम हो गया है और इसके स्थान पर अब बिन्दी (ं) का प्रचलन बढ़ गया है।
विशेष :- भाषा की सार्थक इकाई वाक्य हैं। वाक्य से छोटी इकाई उपवाक्य , उपवाक्य से छोटी इकाई पदबंध , पदबंध से छोटी इकाई पद , पद से छोटी इकाई अक्षर और अक्षर से छोटी इकाई ध्वनि होती है ध्वनि को वर्ण भी कहते हैं।
जैसे :- पुन: = इसमें दो अक्षर हैं – पु , नः । लेकिन इसमें वर्ण ५ हैं = प् , उ , न्, अ, ह् ।
हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 53 वर्ण होते हैं। इनमें 12 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 57 वर्ण होते हैं इसमें 12 स्वर , 41 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
वर्णमाला के दो भाग होते हैं :- 1. स्वर 2. व्यंजन
1. स्वर क्या होता है :- जिन वर्णों को स्वतन्त्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं।
व्यंजन क्या होता है :- जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। वर्णमाला में कुल 45 व्यंजन होते हैं।
क वर्ग : क , ख , ग , घ , ङ (क़, ख़, ग़)
च वर्ग : च , छ , ज , झ , ञ (ज़)
ट वर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़,ढ़ )
त वर्ग : त , थ , द , ध , न
प वर्ग : प , फ , ब , भ , म (फ़)
अंतस्थ : य , र , ल , व
उष्म : श , श़, ष , स , ह
संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
यह वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी गई है। देवनागरी लिपि में संस्कृत , मराठी , कोंकणी , नेपाली , मैथिलि भाषाएँ लिखी जाती हैं। हिन्दी वर्णमाला में ॠ , ऌ , ॡ , ळ का प्रयोग नहीं किया जाता है।
यह चीनी भाषा का एक चित्रलिपि-आधारित शब्द है, जिसका अर्थ ‘किताब’ या ‘लेख’ होता है – यह अक्षर नहीं है और इसका सम्बन्ध किसी ध्वनि से नहीं है – जापान में इसे “काकू” पढ़ा जाता है जबकि चीन में इसे “शू” पढ़ा जाता है
किसी एक भाषा या अनेक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त मानक प्रतीकों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला (वर्णों की माला या समूह) कहते हैं। उदाहरण के लिए देवनागरी की वर्णमाला में अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः क ख ग घ ङ। च छ ज झ ञ। ट ठ ड ढ ण। त थ द ध न। प फ ब भ म। य र ल व। श ष स ह को ‘देवनागरी वर्णमाला’ कहते हैं और a b c d … z को रोमन वर्णमाला (रोमन ऐल्फ़बेट) कहते हैं।