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Taj Mahal Essay | आगरा के ताज महल पर निबंध

Taj Mahal Essay :- आज हम आपको आगरा के ताजमहल के बारे में बातायेगें जिसको आप जरूर पढ़े । आज आपको ताजमहल के बारे में बहुत सी जानकारियां मिलने वाली हैं।

Taj Mahal Essay | आगरा के ताज महल पर निबंध

Taj Mahal Essay आगरा के ताज महल पर निबंध

Taj Mahal Essay आगरा के ताज महल पर निबंध

प्रस्तावना

भारत में ताजमहल एक सुंदर और सबसे आकर्षक ऐतिहासिक जगह है। यह भारत का एक सांस्कृतिक स्मारक है, यह भारतीय और विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र है। ताजमहल को भारत में प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ताज महल को शाहजहाँ ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में बनवाया था। ताज महल भारत में आगरा, उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है।
यह आगरा किले से कम से कम 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है, जो इसे आकर्षक और अद्भुत रुप देता है। यह विश्व के सबसे महान और आकर्षक स्मारकों में से एक है, जो विश्व के सात आश्चर्यों में शामिल है। यह बहुत बड़े क्षेत्र में आमने-सामने बहुत सी हरियाली, पीछे की ओर एक नदी का किनारा, एक झील और एक लॉन को लिए हुए है।

ताजमहल कब और क्यों बनवाया गया

ताजमहल 17वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट शाहजहाँ के द्वारा बनवाया गया। यह उसने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। वह उसकी तीसरी पत्नी थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था। उसकी मृत्यु के बाद, राजा बहुत दुखी हो गया और बहुत सा धन, जीवन और समय खर्च करने के द्वारा ताजमहल का निर्माण कराया था।
वह अपनी पत्नी की याद में आगरा के किले से प्रतिदिन ताजमहल को देखा करता था। यह मुगल कालीन स्थापित्व कला है और भारतीय, इस्लामिक, मुस्लिम, परसी कला आदि के मिश्रण के द्वारा बहुत सुन्दरता से बनाया गया है। यह माना जाता है कि शाहजहाँ स्वंय के लिए ऐसी ही काले रंग की कब्र का निर्माण कराना चाहता था हालांकि, वह अपने इस विचार को कार्य रुप में बदलने से पहले से ही मर गया। उसकी मृत्यु के बाद उसे ताजमहल में ही अपनी पत्नी के बराबर में दफन कर दिया गया।

ताजमहल – सात आश्चर्यों में से एक

वैसे तो भारत में बहुत से ऐतिहासिक स्मारक हैं, परन्तु ताजमहल उन सब में से सबसे अद्वितीय है। यह एक महान कलात्मक आकर्षण है, जो हर साल, बहुत से लोगों के मन को इसे देखने के लिए खींच लाता है। यह भारत का सबसे आकर्षक स्मारक है, ताजमहल और आगरा के किले को यूनेस्को के द्वारा विश्व विरासत के रुप में चिह्नित किया गया है और 2007 में इसे दुनिया के सात अजूबों में चुना गया।
ताजमहल शाहजहाँ के प्रेम का प्रतीक है। इसे रबिन्द्रनाथ टैगोर ने “संगमरमर का एक स्वप्न” कहा है। 2007 से अब तक इसे सात अजूबों की श्रेणी से हटाया नहीं गया है। दुनिया के बड़े-बड़े इंजीनियर इसकी बनावट को देख कर दंग रह जाते हैं।

ताजमहल का निर्माण

इसे महान मुगल सम्राट, शाहजहाँ, ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में उसकी मृत्यु के बाद बनवाया था। यह माना जाता है कि, वह अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था और उसकी मृत्यु के बाद बहुत दुखी हो गया था। उसने बिना भोजन और पानी के रहना शुरु कर दिया था।
उसने अपनी पत्नी की सभी यादों को अपनी नजरों के सामने रखने का निर्णय लिया, तब उसने आगरा के किले के सामने अपने आन्तरिक प्रेम की याद में ताजमहल का निर्माण कराया। वह आगरा के किले से नियमित रुप से ताजमहल को देखा करता था
और अपनी पत्नी को याद करता था। ताजमहल का निर्माण कराने में लगभग 22 वर्षों का समय लगा, और इसे बनाने में लगभग 20,000 कारीगरों ने अपना योगदान दिया था। इसे बनवाने के बाद शाहजहाँ ने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे क्योंकि वह नहीं चाहता था कि ताजमहल की तरह कोई और इमारत बने।

ताजमहल की सुंदरता

ताजमहल के आस-पास का वातावरण बहुत ही प्राकृतिक और आकर्षक है। यह उत्तर प्रदेश में, आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। ताजमहल कई कलाकारों और कारीगरों के विचारों के द्वारा शाही कलाकृतियों का प्रयोग करके बनाया गया है।
इसके परिसर को सजावटी घास और पेड़ों के द्वारा और भी अधिक सुंदर बनाया गया है। ताजमहल की इमारत के सामने कुछ आकर्षक पानी के फव्वारे बनाए गए हैं। चाँदनी रात में ताजमहल की परछाई जब यमुना के पानी पर पड़ती है तो इसकी सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं। ताजमहल की अद्भुत सुंदरता के कारण ही इसे सात अजूबों में स्थान मिल पाया है।

ताजमहल की ऐतिहासिक कथा

ताजमहल मुगल सम्राट शाहजहाँ के अपनी पत्नी के प्रति प्रेम और लगाव का प्रतीक है। इसका निर्माण सफेद संगमरमर और महँगे पत्थरों के प्रयोग के साथ ही दिवारों पर बहुत खूबसूरती से नक्काशी करके किया गया है। शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे कारीगरों को बुलाया था। इसके तैयार होने में बहुत सा धन और समय लगा। यह भी माना जाता है
कि, उसने लगभग सौ से भी अधिक डिजाइनों को इंकार कर दिया था और अन्त में इसे स्वीकृति दी। ताजमहल के चारों कोनों पर चार आकर्षक मीनारें हैं। उन्हें बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और वे थोड़ी सी बाहर की ओर झुकी हुई हैं ताकि, भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा में वे ताजमहल की इमारत को सुरक्षित कर सकें।

मुमताज महल जी परसिया देश की राजकुमारी थीं। मुमताज महल ने एक सिपाही से शादी की थी जो शाहजहाँ की सेना में भर्ती था। शाहजहाँ मुमताज महल से बहुत प्यार करते थे इसलिए उन्होंने उनके पहले पति की हत्या करवा दी थी। बाद में मुमताज महल ने मुगल शासक शाहजहाँ से निकाह किया था। मुमताज महल शाहजहाँ की सबसे प्रिय बेगम थीं। मुमताज महल ने सन् 1631 में 37 वर्ष की उम्र में अपनी 14 वीं सन्तान गौहरा बेगम को जन्म देते वक्त अपना दम तोडा था।

ताजमहल का निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। ताजमहल को मुमताज का मकबरा के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1631 के बाद ही शाहजहाँ ने आधिकारिक रूप से ताजमहल के निर्माण कार्य की घोषणा की थी और 1632 में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। ताजमहल के निर्माण में बहुत समय लगा था। इसके सभी पहलुओं के साथ इसका निर्माण कार्य 1653 तक पूरा किया जा चुका था।

ताजमहल का निर्माण 320 लाख रूपए की लागत में हुआ था। ताजमहल का निर्माण करने के लिए 20000 कारीगरों ने मुगल शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी के अधीन कार्य किया था। ताजमहल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
ताजमहल विश्व धरोहर के रूप में पूरे विश्व के अति-उत्तम मानवीय कृतियों में से एक कहा गया है। इस विश्व धरोहर कृति के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण होने के बाद शाहजहाँ ने अपने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे।
ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि शाहजहाँ यह नहीं चाहते थे कि ऐसी कोई भी दूसरी स्मारक बने। ऐसा भी माना जाता है कि शाहजहाँ काले रंग का ताजमहल भी बनवाना चाहता था लेकिन इससे पहले शाहजहाँ के बेटे औरंगजेब ने उन्हें कैद कर लिया था, और शाहजहाँ वहीं से ताजमहल को निहारते रहते थे।

ताजमहल की संरचना तथा प्रारूप

ताजमहल की निर्माण कला का आधार परसिया राजवंश की कला तथा बहुत से मुगल भवन गुर-ए-आमिर, हुमायूँ का मकबरा, इतमादूद-दौलाह का मकबरा और शाहजहाँ की दिल्ली की जामा मस्जिद जैसे भवन हैं। मुगल शासन काल के दौरान लगभग सभी भवनों के निर्माण में लाल पत्थरों का प्रयोग किया जाता था लेकिन ताजमहल के निर्माण के लिए शाहजहाँ ने सफेद संगमरमर को चुना था। इन सफेद संगमरमर पर कई प्रकार की नक्काशी तथा हीरे जड़ कर ताजमहल की दीवारों को सजाया गया था। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना किनारे निर्मित है। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बना गया था। ताजमहल को बनाने के लिए 28 प्रकार के पत्थरों का भी प्रयोग किया गया था। दुनिया भर से कारीगरों को चुन-चुन कर लाया गया था।

ताजमहल के विभिन्न हिस्से

वैसे तो पूरा ताजमहल ही अद्भुत सुंदरता का नमूना है परन्तु ताजमहल के निर्माण में सबसे मुख्य मुमताज महल का मकबरा है। इसके मुख्य कक्ष में शाहजहाँ और मुमताज महल की नकली कब्र मौजूद हैं। इन कब्रों को बहुत ही अच्छे ढंग से सजाया गया है।
शाहजहाँ और मुमताज की असली कब्र सबसे निचले तल पर स्थित है। मुमताज महल के मकबरे को बड़े-बड़े सफेद संगमरमर से बनाया गया है। मुमताज की कब्र के पत्थरों पर कुरान की आयते लिखी गई हैं जबकि शाहजांह की कब्र पर कोई आयते नहीं लिखी गई है।
कहते हैं कि इसके निर्माण के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। प्रतिदिन बीस हजार शिल्पी और मजदूर काम करते थे। इसके निर्माण में बाईस वर्षों का समय लगा। इस मकबरे के ऊपर बहुत बड़ा गुंबद है जो इसकी शोभा को बढ़ाता है। मुमताज महल का मकबरा लगभग 41 एकड़ में फैला हुआ है।

यह मकबरा चारों ओर से बगीचे से घिरा हुआ है। इसके तीन ओर से दीवार बनाई गई है। इस मकबरे की नींव वर्गाकार है और वर्गाकार के प्रत्येक किनारे 55 मीटर के हैं। मकबरे की चार मीनार इमारत की चौखट बनती हुई दिखाई देती हैं।
मुमताज महल के मकबरे के शिखर पर सफेद संगमरमर के गुंबद मौजूद है। यह गुंबद उल्टे कलश के जैसा शोभित है। गुंबद पर किरीट कलश स्थित है। यह कलश फारसी तथा हिन्दू वस्तु कला का मुख्य तत्व है। गुंबद को सहारा देने के लिए इसके चारों ओर गुंबद के आकार की छतरियां बनाई गई हैं। इनके आधार से मुमताज महल के मकबरे पर रौशनी पड़ती है।

1800 ई. में ताजमहल के गुंबद पर सोने का कलश बना हुआ था लेकिन अब इसे कांसे के द्वारा बनाया गया है। इस कलश के ऊपर चन्द्रमा की आकृति बनी हुई है, जिसकी ऊपरी आकृति स्वर्ग की ओर इशारा करती है। चन्द्रमा की आकृति और कलश की नोक मिल कर त्रिशूल का आकार बनाते हैं यह त्रिशूल हिन्दू मान्यता के भगवान शिव के चिन्ह को दर्शाता है।
ताजमहल के चारों कोनों पर 40 मीटर ऊँची मीनारें हैं। इन चारों मीनारों का निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि ये चारों मीनार हल्की सी बाहर की ओर झुकी हुई हैं। इन मीनारों के बाहर की तरफ झुकाव का यह तर्क निकाला गया कि इमारत के गिरने की स्थिति में ये मीनारें बाहर की ओर गिरेंगी जिससे मुख्य ताजमहल की इमारत को कोई हानि नहीं पहुँचेगी।

उपसंहार

ताजमहल पूरे विश्व में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल है। यह आगरा में यमुना नदी के दाहिने तट पर स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित ताजमहल का सौंदर्य चांदनी रात में सबसे ज्यादा होता है। ताजमहल पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों के साथ चमकता दिखाई देता है। इसके बाहर बहुत ऊंचा और सुन्दर दरवाजा है। वास्तव में ताजमहल देश की अद्भुत रचना है।इसकी गणना संसार के 7 अजूबों में की जाती है। भारतीय ही नहीं अन्य देशों के लोग भी इसकी सुंदरता को देख के मुग्ध हो जाते है। ताजमहल के सौन्दर्य का वर्णन शब्दों में करना बहुत ही कठिन है। ताजमहल हर साल लगभग सात-आठ लाख पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।ताजमहल भारत सरकार का पर्यटन से होने वाली आय का मुख्य स्त्रोत है। हमारा कर्तव्य बनता है कि हम कम-से-कम प्रदूषण करें जिससे दुनिया के सात अजूबों में सम्मिलित इस अजूबे को बचाया जा सके। सरकार को भी इसकी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।

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