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Article 1 to 395 in Hindi ( भारतीय संविधान ) सभी अनुच्छेद व भाग, इतिहास

Article 1 to 395 in Hindi :- आज हम आपको अपने देश के सभी Article ( अनुच्छेद ) के बारें में बताने जा रहें हैं जो कि किसी भी परिक्षा की दृष्टि से बहुत ही जरूरी हैं। अगर आप किसी भी प्रतियोगी परिक्षा की तैयारी कर रहें हैं तो आप को ये बताने की जरूरत नही हैं कि Article 1 to 395 in Hindi कितना जरूरी हैं। तो आइये हम आपको Article 1 to 395 in Hindi के बारें में विस्तार से बताते हैं।

कई बार यह भी होता हैं कि आप पढ़ते तो हैं पर आप भूल भी जाते हैं तो अब ऐसा नही होगा क्योकि आज हम आपको बहुत ही सरल भाषा में समझाने वाले हैं जिसको आप अगर एक बार पढ़ लेते हैं तो आप जरूर परिक्षा में Article ( अनुच्छेद ) से आया हुआ कोई भी प्रश्न गलत नही होगा। तो आप एक बार इसको विस्तार से पूरा जरूर पढ़े। हम आपको Article 1 to 395 in Hindi की PDF बुक भी दे देगें जिससे की आप इस PDF Book को Download करके भी पढ़ सकते हैं।

Article 1 to 395 in Hindi ( भारतीय संविधान ) सभी अनुच्छेद व भाग, इतिहास

Article 1 to 395 in Hindi ( भारतीय संविधान ) सभी अनुच्छेद व भाग, इतिहास

भारतीय संविधान के भाग

भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।

भागविषयअनुच्छेद
भाग 1संघ और उसके क्षेत्र(अनुच्छेद 1-4)
भाग 2नागरिकता(अनुच्छेद 5-11)
भाग 3मूलभूत अधिकार(अनुच्छेद 12 – 35)
भाग 4राज्य के नीति निदेशक तत्त्व(अनुच्छेद 36 – 51)
भाग 4Aमूल कर्तव्य(अनुच्छेद 51A)
भाग 5संघ(अनुच्छेद 52-151)
भाग 6राज्य(अनुच्छेद 152 -237)
भाग 7संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित(अनु़चछेद 238)
भाग 8संघ राज्य क्षेत्र(अनुच्छेद 239-242)
भाग 9पंचायत(अनुच्छेद 243- 243O)
भाग 9Aनगरपालिकाएँ(अनुच्छेद 243P – 243ZG)
भाग 10अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र(अनुच्छेद 244 – 244A)
भाग 11संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध(अनुच्छेद 245 – 263)
भाग 12वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वाद(अनुच्छेद 264 -300A)
भाग 13भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम(अनुच्छेद 301 – 307)भाग 14संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ(अनुच्छेद 308 -323)
भाग 14Aअधिकरण(अनुच्छेद 323A – 323B)
भाग 15निर्वाचन(अनुच्छेद 324 -329A)
भाग 16कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबन्ध सम्बन्ध(अनुच्छेद 330- 342)
भाग 17राजभाषा(अनुच्छेद 343- 351)
भाग 18आपात उपबन्ध(अनुच्छेद 352 – 360)
भाग 19प्रकीर्ण(अनुच्छेद 361 -367)
भाग 20संविधान के संशोधनअनुच्छेद
भाग 21अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध(अनुच्छेद 369 – 392)
भाग 22संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन(अनुच्छेद 393 – 395)

Article 1 to 395 in Hindi ( भारतीय संविधान ) सभी अनुच्छेद व भाग (Indian Constitution PDF)

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भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं-, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव भारतीय शासन अधिनियम 1935 का है. भारत के संविधान के निर्माण में निम्न देशों के संविधान से सहायता ली गई है:

(1) संयुक्त राज्य अमेरिका: मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात.

(2) ब्रिटेन: संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया.

(3) आयरलैंड: नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन, आपातकालीन उपबंध.

(4) ऑस्ट्रेलिया: प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन.

(5) जर्मनी: आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां.

(6) कनाडा: संघात्‍मक विशेषताएं अवशिष्‍ट शक्तियां केंद्र के पास.

(7) दक्षिण अफ्रीका: संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान.

(8) रूस: मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान.

(9) जापान: विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया.

नोट: भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव ‘भारतीय शासन अधिनियम: 1935 का है. भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दश: लिए गए हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया है।

सँविधान के 21 Fact:

Fact No. 1: संविधान को English में “Constitution ” कहा जाता है.

Fact No. 2: भारत के संविधान को बनाने में डॉ भीमराव अम्बेडकर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसीलिए डॉ अम्बेडकर को संविधान का निर्माता कहा जाता है.

Fact No. 3: संविधान बनाने वाली कमिटी के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को बनाया गया था.

Fact No. 4: भारत का संविधान पूरे विश्व में सबसे लम्बा और बड़ा संविधान है.

Fact No. 5: भारतीय संविधान पूरा हस्त लिखित है इसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने लिखा था.

Fact No. 6: भारतीय संविधान को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था और इन पन्नों को सजाने का काम शांतिनिकेतन के कलाकारों ने किया था.

Fact No. 7: संविधान की ओरिजनल प्रतियाँ आज भी भारत के संसद में है. जहाँ इसे हीलियम के अंदर डाल कर लाइब्रेरी में रखा हुआ है.

Fact No. 8: भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा.

Fact No. 9: हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर पूरा तैयार हो गया था लेकिन इसे सरकार ने 26 जनवरी 1950 को लागू करवाया.

Fact No. 10: हमारे देश को विश्व का सबसे बेहतरीन संविधान माना जाता है.

Fact No. 11: भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां शामिल थी. वर्तमान समय में भारतीय संविधान में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भाग हैं.

Fact No. 12: जब से हमारा संविधान बना है तब से लेकर अब तक संविधान में सिर्फ 124 संविधान संशोधन हुए है जो हमारे संविधान की मजबूती को दर्शाता है.

Fact No. 13: भारतीय संविधान में पहले संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार था जिसे 44वें संशोधन द्वारा सन 1978 में हटाया गया.

Fact No. 14: भारतीय संविधान का पहला संशोधन सन 1951 में हुआ था.

Fact No. 15: संविधान के अनुसार – हमारे देश का अपना कोई धर्म नहीं है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

Fact No. 16: भारतीय संविधान में कई चीजे दूसरे देशो से ली गई है जिनमे मुख्यतः – रूस, अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा, जापान, अफ्रीका और फ्रांस शामिल है.

Fact No. 17: अबाइड विथ मी गाने को गणतन्त्र दिवस की परेड में बजाया जाता है.

Fact No. 18: हमारा देश संविधान बनने से पहले ब्रिटिश सरकार बनाये गये एक्ट 1935 को मानता था.

Fact No. 19: संविधान के अनुसार – भारत रत्न, पद्म भूषण और कीति चक्र पुरस्कार गणतंत्र दिवस के दिन ही वितरित किये जाते है.

Fact No. 20: संविधान के अनुसार – स्वतंत्रता दिवस पर देश के लिए संबोधन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है वही गणतंत्र दिवस पर देश के लिए सम्बोधन राष्ट्रपति करता है.

Fact No. 21: भारतीय संविधान द्वारा देश के नागरिको को 6 मौलिक अधिकार दिए गये है.

संवैधानिक निकाय और उनके अनुच्छेद—

✅ निर्वाचन आयोग ( 324 )

✅ राज्य निर्वाचन आयोग ( 243 के )

✅ संघ लोक सेवा आयोग 315 से 323 )

✅ राज्य लोक सेवा आयोग ( 315 से 323 )

✅ वित्त आयोग ( 280 )

✅ राज्य वित्त आयोग ( 243 आई )

✅ SC आयोग ( 338 क )

✅ ST आयोग (350 क )

✅ भाषाई अल्पसंख्यक आयोग ( 350 ख )

✅ नियंत्रक महालेखक परीक्षक ( 148 )

✅ महान्यायवादी ( 76 )

✅ राज्य का महाधिवक्ता ( 165 )

✅ जिला योजना समिति ( 243 जेड डी )

✅ महानगरीय योजना समित ( 243जेड ई )

✅ अंतराज्यीय परिषद ( 263 )

✅ राज भाषा आयोग ( 344 )

✅ अंतराज्यीय व्यापार एवं वाणिज्य आयोग ( 307 )

✅ सहकारी समितियां ( 243 )

✅ वस्तु एवं सेवा कर परिषद ( 279 क )

✅ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग। (338 ख )

✅ प्रशासनिक अधिकरण( 323 क )

भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास

1757 ई. की प्लास की लड़ाई और 1764 ई. बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शासन का शिकंजा कसा. इसी शासन को अपने अनुकूल बनाए रखने के लिए अंग्रेजों ने समय-समय पर कई एक्ट पारित किए, जो भारतीय संविधान के विकास की सीढ़ियां बनीं.
1. 1773 ई. का रेग्‍यूलेटिंग एक्ट: इस एक्ट के अंतर्गत कलकत्ता प्रेसिडेंसी में एक ऐसी सरकार स्थापित की गई, जिसमें गवर्नर जनरल और उसकी परिषद के चार सदस्य थे, जो अपनी सत्ता का उपयोग संयुक्त रूप से करते थे. इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं –  (i) कंपनी के शासन पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया.  (ii) बंगाल के गवर्नर को तीनों प्रेसिडेंसियों का जनरल नियुक्त किया गया. (iii) कलकत्ता में एक सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गई.
2. 1784 ई. का पिट्स इंडिया एक्ट: इस एक्ट के द्वारा दोहरे प्रशासन का प्रारंभ हुआ-  (i) कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर्स – व्यापारिक मामलों के लिए  (ii) बोर्ड ऑफ़ कंट्रोलर – राजनीतिक मामलों के लिए.
3. 1793 ई. का चार्टर अधिनियम: इसके द्वारा नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों तथा कर्मचारियों के वेतन आदि को भारतीय राजस्व में से देने की व्‍यवस्‍था की गई.
4. 1813 ई. का चार्टर अधिनियम: इसके द्वारा (i)कंपनी के अधिकार-पत्र को 20 सालों के लिए बढ़ा दिया गया.  (ii) कंपनी के भारत के साथ व्यापर करने के एकाधिकार को छीन लिया गया. लेकिन उसे चीन के साथ व्यापर और पूर्वी देशों के साथ चाय के व्यापार के संबंध में 20 सालों के लिए एकाधिकार प्राप्त रहा. (iii)कुछ सीमाओं के अधीन सभी ब्रिटिश नागरिकों के लिए भारत के साथ व्यापार खोल दिया गया.
5. 1833 ई. का चार्टर अधिनियम: इसके द्वारा (i)कंपनी के व्यापारिक अधिकार पूर्णतः समाप्त कर दिए गए.  (ii) अब कंपनी का कार्य ब्रिटिश सरकार की ओर से मात्र भारत का शासन करना रह गया.  (iii) बंगालग के गवर्नर जरनल को भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा.  (iv) भारतीय कानूनों का वर्गीकरण किया गया तथा इस कार्य के लिए विधि आयोग की नियुक्ति की व्यवस्था की गई.
6. 1853 ई. का चार्टर अधिनियम: इस अधिनियम के द्वारा सेवाओं में नामजदगी का सिद्धांत समाप्त कर कंपनी के महत्वपूर्ण पदों को प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर भरने की व्यवस्था की गई.
7. 1858 ई. का चार्टर अधिनियम: (i) भारत का शासन कंपनी से लेकर ब्रिटिश क्राउन के हाथों सौंपा गया.  (ii) भारत में मंत्री-पद की व्यवस्था की गई.  (iii)15 सदस्यों की भारत-परिषद का सृजन हुआ.  (iv)भारतीय मामलों पर ब्रिटिश संसद का सीधा नियंत्रण स्थापित किया गया.
8. 1861 ई. का भारत शासन अधिनियम: गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषद का विस्तार किया गया,  (ii) विभागीय प्रणाली का प्रारंभ हुआ,  (iii) गवर्नर जनरल को पहली बार अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई.  (iv) गवर्नर जरनल को बंगाल, उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत और पंजाब में विधान परिषद स्थापित करने की शक्ति प्रदान की गई.
9. 1892 ई. का भारत शासन अधिनियम: (i)अप्रत्यक्ष चुनाव-प्रणाली की शुरुआत हुई,  (ii) इसके द्वारा राजस्व एवं व्यय अथवा बजट पर बहस करने तथा कार्यकारिणी से प्रश्न पूछने की शक्ति दी गई.

10. 1909 ई० का भारत शासन अधिनियम [मार्ले -मिंटो सुधार] –  (i) पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबंध किया गया.  (ii) भारतीयों को भारत सचिव एवं गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषदों में नियुक्ति की गई.  (iii) केंद्रीय और प्रांतीय विधान-परिषदों को पहली बार बजट पर वाद-विवाद करने, सार्वजनिक हित के विषयों पर प्रस्ताव पेश करने, पूरक प्रश्न पूछने और मत देने का अधिकार मिला.  (iv) प्रांतीय विधान परिषदों की संख्या में वृद्धि की गई।

11. 1919 ई० का भारत शासन अधिनियम [मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार] –  (i) केंद्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना की गई- प्रथम राज्य परिषद तथा दूसरी केंद्रीय विधान सभा. राज्य परिषद के सदस्यों की संख्या 60 थी; जिसमें 34 निर्वाचित होते थे और उनका कार्यकाल 5 वर्षों का होता था. केंद्रीय विधान सभा के सदस्यों की संख्या 145 थी, जिनमें 104 निवार्चित तथा 41 मनोनीत होते थे. इनका कार्यकाल 3 वर्षों का था. दोनों सदनों के अधिकार समान थे. इनमें सिर्फ एक अंतर था कि बजट पर स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार निचले सदन को था.
(ii) प्रांतो में द्वैध शासन प्रणाली का प्रवर्तन किया गया. इस योजना के अनुसार प्रांतीय विषयों को दो उपवर्गों में विभाजित किया गया- आरक्षित तथा हस्तांतरित. आरक्षित विषय थे – वित्त, भूमिकर, अकाल सहायता, न्याय, पुलिस, पेंशन, आपराधिक जातियां, छापाखाना, समाचार पत्र, सिंचाई, जलमार्ग, खान, कारखाना, बिजली, गैस, व्यालर, श्रमिक कल्याण, औघोगिक विवाद, मोटरगाड़ियां, छोटे बंदरगाह और सार्वजनिक सेवाएं आदि. हस्तांतरित विषय –
(i) शिक्षा, पुस्तकालय, संग्रहालय, स्थानीय स्वायत्त शासन, चिकित्सा सहायता.
(ii) सार्वजनिक निर्माण विभाग, आबकारी, उघोग, तौल तथा माप, सार्वजनिक मनोरंजन पर नियंत्रण, धार्मिक तथा अग्रहार दान आदि.  (iii) आरक्षित विषय का प्रशासन गवर्नर अपनी कार्यकारी परिषद के माध्यम से करता था; जबकि हस्तांतरित विषय का प्रशासन प्रांतीय विधान मंडल के प्रति उत्तरदायी भारतीय मंत्रियों के द्वारा किया जाता था.
(iv) द्वैध शासन प्रणाली को 1935 ई० के एक्ट के द्वारा समाप्त कर दिया गया.
(v) भारत सचिव को अधिकार दिया गया कि वह भारत में महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कर सकता है.
(vi) इस अधिनियम ने भारत में एक लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया.
12. 1935 ई० का भारत शासन अधिनियम: 1935 ई० के अधिनियम में 451 धाराएं और 15 परिशिष्‍ट थे. इस अधिनियम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
(i) अखिल भारतीय संघ: यह संघ 11 ब्रिटिश प्रांतो, 6 चीफ कमिश्नर के क्षेत्रों और उन देशी रियासतों से मिलकर बनना था, जो स्वेच्छा से संघ में सम्मलित हों. प्रांतों के लिए संघ में सम्मिलित होना अनिवार्य था, किंतु देशी रियासतों के लिय यह एच्छिक था. देशी रियासतें संघ में सम्मिलित नहीं हुईं और प्रस्तावित संघ की स्थापना संबंधी घोषणा-पत्र जारी करने का अवसर ही नहीं आया.
(ii) प्रांतीय स्वायत्ता: इस अधिनियम के द्वारा प्रांतो में द्वैध शासन व्यवस्था का अंत कर उन्हें एक स्‍वतंत्र और स्वशासित संवैधानिक आधार प्रदान किया गया.
(iii) केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना: कुछ संघीय विषयों [सुरक्षा, वैदेशिक संबंध, धार्मिक मामलें] को गवर्नर जनरल के हाथों में सुरक्षित रखा गया. अन्य संघीय विषयों की व्यवस्था के लिए गवर्नर- जनरल को सहायता एवं परामर्श देने हेतु मंत्रिमंडल की व्यवस्था की गई, जो मंत्रिमंडल व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी था.
(iv) संघीय न्‍यायालय की व्यवस्था: इसका अधिकार क्षेत्र प्रांतों तथा रियासतों तक विस्तृत था. इस न्यायलय में एक मुख्य न्यायाधीश तथा दो अन्य न्यायाधीशों की व्यवस्था की गई. न्यायालय से संबंधित अंतिम शक्ति प्रिवी काउंसिल [लंदन] को प्राप्त थी.
(v) ब्रिटिश संसद की सर्वोच्चता: इस अधिनियम में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का अधिकार ब्रिटिश संसद के पास था. प्रांतीय विधान मंडल और संघीय व्यवस्थापिका: इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं कर सकते थे.
(vi) भारत परिषद का अंत : इस अधिनियम के द्वारा भारत परिषद का अंत कर दिया गया.
(vii) सांप्रदायिक निर्वाचन पद्धति का विस्तार: संघीय तथा प्रांतीय व्यवस्थापिकाओं में विभिन्न सम्प्रदायों को प्रतिनिधित्व देने के लिए सांप्रदायिक निर्वाचन पद्धति को जारी रखा गया और उसका विस्तार आंग्ल भारतीयों – भारतीय ईसाइयों, यूरोपियनों और हरिजनों के लिए भी किया गया.
(viii) इस अधिनियम में प्रस्तावना का अभाव था.

(xi) इसके द्वारा बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया, अदन को इंग्लैंड के औपनिवेशिक कार्यालय के अधीन कर दिया गया और बरार को मध्य प्रांत में शामिल कर लिया गया.

13. 1947 ई० का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम: ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई, 1947 ई० को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम प्रस्तावित किया गया, जो 18 जुलाई, 1947 ई० को स्वीकृत हो गया. इस अधिनियम में 20 धाराएं थीं. अधिनियम के प्रमुख प्रावधान निम्न हैं –
(i) दो अधिराज्यों की स्थापना: 15 अगस्त, 1947 ई० को भारत एवं पाकिस्तान नामक दो अधिराज्य बना दिए जाएंगें, और उनको ब्रिटिश सरकार सत्ता सौंप देगी. सत्ता का उत्तरदायित्व दोनों अधिराज्यों की संविधान सभा को सौंपा जाएगा.
(ii) भारत एवं पाकिस्तान दोनों अधिराज्यों में एक-एक गवर्नर जनरल होंगे, जिनकी नियुक्ति उनके मंत्रिमंडल की सलाह से की जाएगी.  (iii) संविधान सभा का विधान मंडल के रूप में कार्य करना- जब तक संविधान सभाएं संविधान का निर्माण नई कर लेतीं, तब तक वह विधान मंडल के रूप में कार्य करती रहेंगीं.
(iv) भारत-मंत्री के पद समाप्त कर दिए जाएंगें.
(v) 1935 ई० के भारतीय शासन अधिनियम द्वारा शासन जब तक संविधान सभा द्वारा नया संविधान बनाकर तैयार नहीं किया जाता है; तब तक उस समय 1935 ई० के भारतीय शासन अधिनियम द्वारा ही शासन होगा.

(vi) देशी रियासतों पर ब्रिटेन की सर्वोपरिता का अंत कर दिया गया. उनको भारत या पाकिस्तान किसी भी अधिराज्य में सम्मलित होने और अपने भावी संबंधो का निश्चय करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई.

26 नवंबर, 1949 और 26 जनवरी, 1950। भारत के संविधान के इतिहास की ये दो अहम तारीखें हैं। 26 नवंबर, 1949 को हमारा संविधान अंगीकार किया गया तो 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया। संविधान को जिस तारीख को अंगीकार किया गया यानी 26 नवंबर, उस दिन को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस।

भारतीय संविधान सम्बन्धित प्रश्नोत्तरी:

1. सर्वप्रथम संविधान सभा की बैठक कब हुई?— 9 दिसम्बर, 1946 को
2. संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष किसे नियुक्त किया गया था?— डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को
3. प्रारूप समिति ( संविधान ) का अध्यक्ष किसे बनाया गया था?— डॉ. भीमराव अम्बेडकर को
4. भारतीय संविधान को कब अंगीकार किया गया?— 26 नवम्बर, 1949 को
5. भारत का संविधान भारत को किस रूप में वर्णित करता है?— राज्यों के संघ के रूप में
6. भारतीय संविधान के अनुसार ‘राजनीतिक शक्ति’ का आधार क्या है?— भारत की जनता
7. भारत का संविधान भारत के लिए किस प्रकार की सरकार की व्यवस्था करता है?— संसदीय
8. भारतीय गणराज्य का संवैधानिक अध्यक्ष कौन होता है?— राष्ट्रपति
9. संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों की रक्षा कौन करता है?— सर्वोच्च न्यायालय
10. ‘मिनी कंस्टीटयूशन’ किसे कहा जाता हैं?— 42 वें संविधान संशोधन को
11. संविधान का रक्षक किसे बनाया गया हैं?— उच्चतम न्यायालय को
12. संविधान की आत्मा किसे कहा गया है?— प्रस्तावना को
13. भाषा के आधार पर पहला कौन-सा राज्य गठित किया गया?— आन्ध्रप्रदेश
14. दादरा और नगर हवेली भारत में शामिल करने से पूर्व किसके उपनिवेश थे?— पुर्तगाल
15. विदेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की आवश्यक शर्त क्या हैं?— दस वर्ष तक भारत में निवास
16. भारत में किस राज्य के लोंगों को दोहरी नागरिकता प्राप्त हैं?— जम्मू-कश्मीर
17. मौलिक अधिकार कितने हैं?— 6
18. संविधान में कितने मूल कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है?— 11.
19. संघीय कार्यपालिका की शक्ति किसमें निहित हैं?— राष्ट्रपति
20. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधी विवाद कौन सुलझाता हैं?— सर्वोच्च न्यायालय
21. राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग लेता है?— संसद और राज्य विधान सभाओं के सदस्य
22. भारत का सर्वोच्च सेनापति कौन होता है?— राष्ट्रपति
23. संसद की स्वीकृति के पश्चात राष्ट्रपति शासन कितने दिन प्रभावी रहता हैं?— छ: माह
24. ‘सार्वजनिक धन’ का संरक्षक किसे कहा जाता है?— नियंत्रक-महालेखा परीक्षक को
25. किस राज्य की विधान सभा का कार्यकाल 6 वर्ष है?— जम्मू-कश्मीर
26. सर्वप्रथम पंचायती राजव्यवस्था को किस राज्य में लागू किया गया?— राजस्थान ( नागौर, 2 अक्टूबर, 1959 को )
27. भारत में कितने राज्य व केन्द्रशसित प्रदेश हैं?— 29 राज्य व 7 केन्द्रशासित प्रदेश
28. जनहित याचिका किस न्यायालय में दायर की जा सकती है?— उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय दोनों में
29. भारत में मताधिकार के लिए कितनी आयु सीमा निर्धारित की गई हैं?— 18 वर्ष

30. भारतीय संघ की राजभाषा क्या है?— हिन्दी

31. भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा कितने दिन में किया गया था?— 2 वर्ष, 11 महीने व 18 दिन में
32. विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान किस देश का है?— भारतीय संविधान
33. संविधान में प्रथम संशोधन कब हुआ था?— 1951 में
34. भारत का पहला आम बजट 1952 में किसने प्रस्तुत किया था?— पी. के. सन्मूखम शेटटी
35. भारतीय संविधान में किस अनुच्छेद को संविधान की आत्मा के नाम से जाना जाता है?— अनुच्छेद-32 को
36. प्रधानमंत्री का सचिवालय किसके अधीन होता है?— गृह मंत्रालय के
37. भारत का मैग्ना कार्टा ( Magna Carta ) संविधान के किस भाग को कहा जाता है?— भाग III को
38. जब भारत स्वतंत्र हुआ, उस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे और किस पार्टी की सरकार थी?— क्लीमेण्ट एटली, लेबर पार्टी
39. संसद के तीन सत्र कौन-कौन से होते हैं?— बजट सत्र, मानसून सत्र,शीतकालीन सत्र
40. दो बार राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे?— डॉ. राजेद्रप्रसाद
41. भारतीय संविधान किस दिन लागू हुआ?— 26 जनवरी, 1950 को
42. राष्ट्रपति का अभिभाषण कौन तैयार करता है?— केन्द्रीय मंत्रिमंडल
43. कौन ऐसे राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे जिन्होंने कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत होते हुए भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में सफलता प्राप्त की?— वी. वी. गिरि
44. ऐसे राष्ट्रपति जो एक बार चुनाव में पराजित हुए तथा बाद में निर्विरोध निर्वाचित हुए?— नीलम संजीव रेडडी
45. भारत के कौन-कौन राष्ट्रपति पूर्व में उपराष्ट्रपति के पद पर नहीं रहे हैं?— डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, फखरूददीन अली अहमद, नीलम संजीव रेडडी, ज्ञानी जैल सिंह
46. भारत के प्रथम दलित वर्ग के राष्ट्रपति कौन थे?— डॉ. के. आर. नारायणन
47. भारत के किन दो राष्ट्रपति की मृत्यु अपने कार्यकाल के दौरान हुई?— जाकिर हुसैन व फखरूद्दीन अली अहमद
48. भारत के किस राष्ट्रपति का कार्यकाल सबसे कम रहा है?— डॉ. जाकिर हुसैन
49. राष्ट्रपति के पद पर सबसे कम तथा सबसे अधिक आयु में कौन आसीन हुए थे?— नीलम संजीव रेडडी ( कम उम्र ) तथा आर. वेंकटरमण ( अधिक उम्र )
50. अब तक कितनी बार राष्ट्रीय आपातकाल की उदघोषणा राष्ट्रपति ने की है?— तीन बार ( 1962, 1971, 1975 )
51. भारत के प्रथम राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति कौन थें?— डॉ. राजेद्रप्रसाद ( राष्ट्रपति ) व सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( उप राष्ट्रपति )
52. किस देश में राष्ट्रपति केवल एक वर्ष के लिए चुना जाता है?— सिवटजरलैंड
53. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थें?— जवाहरलाल नेहरू
54. भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री कौन थे?— सरदार वल्लभभाई पटेल
55. योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?— प्रधानमंत्री
56. भारत में प्रथम गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री कौन बने?— मोरारजी देसाई
57. किस प्रधानमंत्री की मृत्यु उनके कार्यकाल के दौरान हुई थी?— जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी
58. दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में किसने कार्य किया?— गुलजारीलाल नंदा
59. प्रधानमंत्री पद पर सबसे कम समय के लिए कौन आसीन रहे?— चौधरी चरण सिंह
60. सबसे कम उम्र और सबसे अधिक उम्र में भारत के प्रधानमंत्री का पद क्रमश: किसने सम्भाला?— क्रमश: राजीव गांधी और मोरारजी देसाई
61. प्रधानमंत्री पद से पदत्याग करने वाला पहला व्यक्ति कौन है?— मोरारजी देसाई

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